भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) 23 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि अगले दिन यानी 24 अगस्त तक है, इसलिए कहीं-कहीं लो...
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) 23 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि अगले दिन यानी 24 अगस्त तक है, इसलिए कहीं-कहीं लोग इस दिन भी जन्माष्टमी मनाएंगे। अगर रोहिणी नक्षत्र को मानें तो भी 24 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी पड़ती है। इस दौरान कान्हा को छप्पन भोग लगाए जाएंगे और मंदिरों में रात 12 बजे महाआरती होगी। दिन में जगह-जगह मटकी फोड़ आयोजन होंगे। प्रमुख कृष्ण मंदिरों में सजावट का दौर जारी है। जानिए विशेष संयोग और पूजा के मुहूर्त -
जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त (Krishna Janmashtami 2019 Muhurat Time)-
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 23 अगस्त 2019 को सुबह 08 बजकर 09 मिनट से।
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 24 अगस्त 2019 की सुबह 03 बजकर 48 मिनट से।
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 25 अगस्त 2019 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक।
बन रहा यह विशेष संयोग (Krishna Janmashtami 2019 Vishesh Sanyog)-
इस बार जन्माष्टमी पर्व पर विशेष संयोग ले आया है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस बार भी वही संयोग बन रहा है, जो कान्हा के जन्म के समय बना था। प्राचीन पांडुलिपियों में भगवान श्रीकृष्ण की जन्म पत्रिका उपलब्ध है।
उसके आधार पर उनका जन्म 5158 ईसा पूर्व भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में रात्रि 12 बजे हुआ था। इस 23 अगस्त को भी जन्माष्टमी में अष्टमी रहेगी और रात्रि 11.30 बजे से रोहिणी नक्षत्र का आगमन होगा और रात्रि 12 बजे तक इसी संयोग में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही गंगा नवमीं का भी संयोग शुभ संकेत दे रहा है।
जन्माष्टमी की पूजा विधि (Krishna Janmashtami 2019 Pooja Vidhi)
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। यहां पूजा के कुछ सामान्य नियम के साथ ही वे बातें बताई जा रही हैं, जिनका खासतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए -
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे। स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में भगगान श्रीकृष्ण या लड्डू गोपाल की मूर्ति को गंगा जल से स्नान कराएं। इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से स्नान कराएं। आखिर में शुद्ध जल से स्नान कराएं और साफ कपड़े से पोछें। लड्डू गोपाल को सुंदर वस्त्र धारण करवाएं और उनका श्रृंगार करें। रात 12 बजे पंजीरी और लड्डू का भोग लगाकर पूजन करें और फिर आरती करें।
जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त (Krishna Janmashtami 2019 Muhurat Time)-
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 23 अगस्त 2019 को सुबह 08 बजकर 09 मिनट से।
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 24 अगस्त 2019 की सुबह 03 बजकर 48 मिनट से।
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 25 अगस्त 2019 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक।
बन रहा यह विशेष संयोग (Krishna Janmashtami 2019 Vishesh Sanyog)-
इस बार जन्माष्टमी पर्व पर विशेष संयोग ले आया है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस बार भी वही संयोग बन रहा है, जो कान्हा के जन्म के समय बना था। प्राचीन पांडुलिपियों में भगवान श्रीकृष्ण की जन्म पत्रिका उपलब्ध है।
उसके आधार पर उनका जन्म 5158 ईसा पूर्व भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में रात्रि 12 बजे हुआ था। इस 23 अगस्त को भी जन्माष्टमी में अष्टमी रहेगी और रात्रि 11.30 बजे से रोहिणी नक्षत्र का आगमन होगा और रात्रि 12 बजे तक इसी संयोग में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही गंगा नवमीं का भी संयोग शुभ संकेत दे रहा है।
जन्माष्टमी की पूजा विधि (Krishna Janmashtami 2019 Pooja Vidhi)
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। यहां पूजा के कुछ सामान्य नियम के साथ ही वे बातें बताई जा रही हैं, जिनका खासतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए -
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे। स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में भगगान श्रीकृष्ण या लड्डू गोपाल की मूर्ति को गंगा जल से स्नान कराएं। इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से स्नान कराएं। आखिर में शुद्ध जल से स्नान कराएं और साफ कपड़े से पोछें। लड्डू गोपाल को सुंदर वस्त्र धारण करवाएं और उनका श्रृंगार करें। रात 12 बजे पंजीरी और लड्डू का भोग लगाकर पूजन करें और फिर आरती करें।
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