श्रम में बच्चों का नियोजन दंडनीय अपराध जिले को बालश्रम से मुक्त कराने के लिये कलेक्टर अनुग्रहा पी ने महिला एवं बाल विकास विभाग,श्रम विभाग...
श्रम में बच्चों का नियोजन दंडनीय अपराध
जिले को बालश्रम से मुक्त कराने के लिये कलेक्टर अनुग्रहा पी ने महिला एवं बाल विकास विभाग,श्रम विभाग, पुलिस विभाग एवं चाइल्ड लाइन के एक संयुक्त दल का गठन किया है। यह दल जिले में बाल श्रमिकों की खोज कर नियोजकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही भी करेगा। कलेक्टर के निर्देशन पर दल के द्वारा कोर्ट रोड, सदर बाजार, माधव चौक,पोहरी रोड, पोहरी बस स्टैंड क्षेत्रों में बाल श्रमिकों की निगरनानी की गई।
टीम को माधव चौक स्थित स्वस्तिक फैशन स्टोर एवं कुशवाह होटल पोहरी बस स्टैंड पर बाल श्रमिक नियोजित मिले। दोनों नियोजकों को बाल श्रम निषेध कानून के प्रावधानों की जानकारी देते हुए सजा एवं जुर्माने के प्रावधानों से परिचित कराया तथा नियोजकों से भविष्य में 18 वर्ष से कम आयु के बालकों का नियोजन न करने का बचन पत्र लिखवाया तथा दुकान पर बालश्रम निषेध का बोर्ड डिसप्ले करने के निर्देश दिए।
टीम में श्रम निरीक्षक अनिल कुमार बंसल,जिला बाल संरक्षण इकाई से सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र दांगी, विशेष किशोर पुलिस इकाई से चेतन बंसल,प्रतिपाल सिंह एवं हर्ष झा तथा चाइल्ड लाइन से अरुण कुमार सेन एवं विनोद परिहार मौजूद थे। यह दल सतत रूप से जिले में सघनता से जांच कर बाल श्रमिक नियोजकों के विरुद्ध कार्यवाही करेगा।
क्या कहता है कानून-
बालश्रम निषेध कानून के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों का नियोजन नहीं किया जा सकता तथा विद्यालय समय में तथा शाम के 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच घरेलू उद्योगों में भी कार्य नहीं कराया जा सकता। यदि कोई बाल श्रमिकों का नियोजन करता है तो नियोजक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कानून में इस अपराध के लिये 2 वर्ष तक की सजा एवं 50 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
1098 पर चाइल्ड लाइन को दें बाल श्रम नियोजन की जानकारी-
बाल संरक्षण अधिकारी राघवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बच्चों का श्रम में नियोजन बाल अधिकारों का हनन है। नियोजक बच्चों को कम दामों पर नियोजित कर उनसे अधिक काम कराते है यह बच्चों के साथ क्रूरता है। बालश्रम बच्चों के विकास में एक बड़ा अवरोध है,जो उन्हें शिक्षा के अधिकार से बंचित करता है। इस अपराध की खिलाफत हर नागरिक को करना चाहिये। बाल श्रमिक के नियोजन की जानकारी चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 पर दी जा सकती है।
जिले को बालश्रम से मुक्त कराने के लिये कलेक्टर अनुग्रहा पी ने महिला एवं बाल विकास विभाग,श्रम विभाग, पुलिस विभाग एवं चाइल्ड लाइन के एक संयुक्त दल का गठन किया है। यह दल जिले में बाल श्रमिकों की खोज कर नियोजकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही भी करेगा। कलेक्टर के निर्देशन पर दल के द्वारा कोर्ट रोड, सदर बाजार, माधव चौक,पोहरी रोड, पोहरी बस स्टैंड क्षेत्रों में बाल श्रमिकों की निगरनानी की गई।
टीम को माधव चौक स्थित स्वस्तिक फैशन स्टोर एवं कुशवाह होटल पोहरी बस स्टैंड पर बाल श्रमिक नियोजित मिले। दोनों नियोजकों को बाल श्रम निषेध कानून के प्रावधानों की जानकारी देते हुए सजा एवं जुर्माने के प्रावधानों से परिचित कराया तथा नियोजकों से भविष्य में 18 वर्ष से कम आयु के बालकों का नियोजन न करने का बचन पत्र लिखवाया तथा दुकान पर बालश्रम निषेध का बोर्ड डिसप्ले करने के निर्देश दिए।
टीम में श्रम निरीक्षक अनिल कुमार बंसल,जिला बाल संरक्षण इकाई से सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र दांगी, विशेष किशोर पुलिस इकाई से चेतन बंसल,प्रतिपाल सिंह एवं हर्ष झा तथा चाइल्ड लाइन से अरुण कुमार सेन एवं विनोद परिहार मौजूद थे। यह दल सतत रूप से जिले में सघनता से जांच कर बाल श्रमिक नियोजकों के विरुद्ध कार्यवाही करेगा।
क्या कहता है कानून-
बालश्रम निषेध कानून के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों का नियोजन नहीं किया जा सकता तथा विद्यालय समय में तथा शाम के 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच घरेलू उद्योगों में भी कार्य नहीं कराया जा सकता। यदि कोई बाल श्रमिकों का नियोजन करता है तो नियोजक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कानून में इस अपराध के लिये 2 वर्ष तक की सजा एवं 50 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
1098 पर चाइल्ड लाइन को दें बाल श्रम नियोजन की जानकारी-
बाल संरक्षण अधिकारी राघवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बच्चों का श्रम में नियोजन बाल अधिकारों का हनन है। नियोजक बच्चों को कम दामों पर नियोजित कर उनसे अधिक काम कराते है यह बच्चों के साथ क्रूरता है। बालश्रम बच्चों के विकास में एक बड़ा अवरोध है,जो उन्हें शिक्षा के अधिकार से बंचित करता है। इस अपराध की खिलाफत हर नागरिक को करना चाहिये। बाल श्रमिक के नियोजन की जानकारी चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 पर दी जा सकती है।
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